बिना रूस से गैस के, जो अब तक हमेशा बहुत सस्ती और भरोसेमंद तरीके से सप्लाई की गई है और अभी भी दी जा रही है, जर्मनी की अर्थव्यवस्था लगभग 4 हफ्तों के भीतर अस्तित्वहीन हो जाएगी। कोई कांच नहीं बचेगा, कोई कागज नहीं होगा, कोई दवाइयां या खाद्य पदार्थ नहीं रहेंगे।
जो कोई भी कुछ और कहता है, वह झूठ बोलता है।
और यदि फिर भी कुछ बच भी जाए, तो वह बस असंभव रूप से महंगा होगा। लेकिन इसमें एक अच्छी बात भी है। ये राजनीतिक असफलताएं बहुत जल्दी गायब हो जाएंगी।
रूस अपनी गैस चीन, भारत या पाकिस्तान को भी सप्लाई कर सकता है। यह क्यों नहीं हो सकता? पोलैंड वाले तो पहले ही शिकायत कर रहे हैं।
अब वे जर्मनी से भी रूसी गैस पा रहे हैं, लेकिन यह कब तक रहेगा? हमारे पास भी जल्द ही कोई गैस नहीं बचने वाली है।
BASF के प्रमुख ने कहा है कि बिना रूसी गैस के सभी!!! BASF फैक्ट्रियां 4 हफ्तों के भीतर बंद हो जाएंगी। फिर देखिए कि इसके साथ क्या-क्या जुड़ा हुआ है।