मैं किसी भी बच्चे को नहीं जानता जिसे यह मायने रखता हो कि रात में खिड़की खुली है या नहीं। ये वे नर्वस मां-बाप होते हैं, जो सोचते हैं कि बच्चा बीमार हो जाएगा, मर जाएगा या कुछ और हो जाएगा। बच्चे और खासकर टीनएजर्स अपने ‘‘मफ़’’ में अच्छी तरह से रह लेते हैं।
मुझे खुली खिड़की के साथ सोना पसंद था और मेरी बहन भी। हमारी बड़ी बहन भी इसे खुला रखना चाहती है। जो अपने ‘‘मफ़’’ में सोना चाहता है, वह ऐसा करे।
शयनकक्ष में 16 डिग्री होना चाहिए ताकि आप अपनी 40 सेंटीमीटर मोटी बत्तख पंख की चादर के नीचे आराम से सो सकें। या फिर आप 20-21 डिग्री तापमान में पतली सांस लेने वाली चादर के साथ सोते हैं।
स्लीपिंग रूम में 16 डिग्री होना जरूरी है ताकि आप अपनी 40 सेमी मोटी डक डाउन कंबल के नीचे आराम से सो सकें। या फिर आप 20-21 डिग्री पर पतली सांस लेने वाली कंबल में सोते हैं।
धन्यवाद कि आप सभी जर्मनों की नींद की आदतें जानते हैं। सम्मान।
मुद्दा तापमान का नहीं बल्कि ताजा हवा का है। जब खिड़की बंद होती है, तो मेरी नाक बंद हो जाती है और मुझे मुँह से सांस लेना पड़ता है। मुझे पता नहीं क्यों ऐसा होता है, लेकिन यह बहुत असुविधाजनक है।