Buchsbaum066
14/11/2024 10:17:18
- #1
मैं इसे वैसे जानता हूँ जैसे मेरे माता-पिता ने 70 के दशक की शुरुआत में DDR में बनाया था।
फाइनेंसिंग 60,000 DDR मार्क की हुई थी। निर्माण अच्छे संबंधों और बहुत सारी स्वनिर्मित मेहनत के साथ चला। निर्माण का खड्डा हाथ से खोदा गया, पत्थरों को ट्रक से एक रात तक उतारा गया। घर में केवल आवश्यक चीजें ही बनाई गईं। मुझे अब धुंधली याद है कि पहले वर्षों में हमारे घर में सस्ता लीनोलियम था। बाथरूम में टाइलें नहीं थीं और सजावट उस समय उपलब्ध या मिलने वाली चीजों के अनुसार थी। खिड़कियाँ, मुझे लगता है, रोमानिया से आई थीं।
पूरी DDR में केवल 2 प्रकार के एकरूप घर थे। उनमें से चयन किया जा सकता था। छोटे बदलाव संभव थे, लेकिन मूल योजना लगभग समान थी।
इसलिए, आज पूर्वी जर्मनी में जो घरें विंडो के पहले बनी हैं उनमें कमरे की योजना में बहुत कम अंतर है।
लेकिन यह युवा परिवारों के लिए संभव था कि वे एक सिंगल-फैमिली हाउस बना सकें। क़िस्त लगभग 80 DDR मार्क प्रति माह थी। यह निश्चित रूप से कोई समस्या नहीं थी।
आज स्थिति पूरी तरह अलग है। आप सब कुछ कर सकते हैं और हासिल भी कर सकते हैं, बस आपको इसके लिए आवश्यक आय कमानी होती है।
नहीं, आज लोग निर्माण करवाते हैं और जब कारीगर आते हैं तो सबसे पहले 3 हफ्ते की छुट्टियों पर चले जाते हैं। यहाँ एक अधिकार की मानसिकता स्थापित हो गई है, जिससे बस बुरा ही लगता है।
फाइनेंसिंग 60,000 DDR मार्क की हुई थी। निर्माण अच्छे संबंधों और बहुत सारी स्वनिर्मित मेहनत के साथ चला। निर्माण का खड्डा हाथ से खोदा गया, पत्थरों को ट्रक से एक रात तक उतारा गया। घर में केवल आवश्यक चीजें ही बनाई गईं। मुझे अब धुंधली याद है कि पहले वर्षों में हमारे घर में सस्ता लीनोलियम था। बाथरूम में टाइलें नहीं थीं और सजावट उस समय उपलब्ध या मिलने वाली चीजों के अनुसार थी। खिड़कियाँ, मुझे लगता है, रोमानिया से आई थीं।
पूरी DDR में केवल 2 प्रकार के एकरूप घर थे। उनमें से चयन किया जा सकता था। छोटे बदलाव संभव थे, लेकिन मूल योजना लगभग समान थी।
इसलिए, आज पूर्वी जर्मनी में जो घरें विंडो के पहले बनी हैं उनमें कमरे की योजना में बहुत कम अंतर है।
लेकिन यह युवा परिवारों के लिए संभव था कि वे एक सिंगल-फैमिली हाउस बना सकें। क़िस्त लगभग 80 DDR मार्क प्रति माह थी। यह निश्चित रूप से कोई समस्या नहीं थी।
आज स्थिति पूरी तरह अलग है। आप सब कुछ कर सकते हैं और हासिल भी कर सकते हैं, बस आपको इसके लिए आवश्यक आय कमानी होती है।
नहीं, आज लोग निर्माण करवाते हैं और जब कारीगर आते हैं तो सबसे पहले 3 हफ्ते की छुट्टियों पर चले जाते हैं। यहाँ एक अधिकार की मानसिकता स्थापित हो गई है, जिससे बस बुरा ही लगता है।