अगर सीढ़ी के सामने कोई दीवार आ जाती है, तो तहखाने के लिए एक दरवाजे के बारे में भी सोचा जा सकता है।

कोई दीवार नहीं, बल्कि शायद एक पक्की बालकनी की परत।
क्या ऐसा नहीं है कि कोई जानता है कि सीढ़ी बगल से अलग दिखती है जितनी कि शुरू या अंत से दिखती है, जैसा कि अक्सर होता है?
यहां तो दिमाग में ही कोई न कोई दृश्य पहले से स्थापित होता है!?
इसी बात को जानबूझकर स्वीकार किया जाता है।
मैं आश्चर्यचकित हूं कि इसका निष्पादन तय नहीं है।
मैं तो महीनों से सोच रहा था कि आप इस दृश्य के साथ जानते हैं कि आपको क्या मिलेगा।
स्टेनलेस स्टील की सिटियाँ ऊपर से अलग दिखती हैं बनिस्बत लंबवत रूप से। एक दीवार की परत ऊपर से भारी लगती है।
एक काँच की परत प्रतिबिंबित करती है।
मैं शायद सभी बालकनियों को पक्का कर देता।
मेरे लिए तो यह पहले से ही निश्चित होता।