राज्यीय जब्ती, छुपे हुए कर, निर्वासन और मिनट दर मिनट टर्बो-मुद्रास्फीति के बाद अब तुम मुझसे एक दहशत भरी खोज की भी शक कर रही हो; यह लगभग रिचर्ड किम्बल की तरह उत्तेजित करने वाला है.....
तुम्हारी खास किस्म की कॉमेडी की वजह से शायद आज से इस मंच पर अकेली मेरी "पाछे चलने वाली" बन गई है। शिकार (जो) लिए जा रहा है, वह शिकारी का पीछा करता है? :D :D:D मैं तो लोटपोट हो गया..... ऐसा सोचना भी असंभव है।
मैं फिर से कहना चाहती हूँ कि मैंने छोटे बच्चों को नहीं खाया है और न ही किसी को मारा है।
मैं इतना कहूँगा, हर कोई जरूरत पड़ने पर पढ़ सकता है और जो चाहे सोच सकता है।
दहशतभरी खोज, घर की जब्ती, खुशमिज़ाज बच्चों को खाने जैसी बातें, आह ये तो तुम्हारे यहाँ बड़ा हल्ला मचा हुआ है.....
मैं इसे इस तरह कहूँगा कि मैंने तुम्हारे कठोर गैर-सामाजिक सोच की समान कठोरता से निंदा की है; कि तुम्हें यह पसंद न आए, यह तो जाहिर था।
आख़िर में शायद हम उस नतीजे पर पहुँचेंगे कि असल में सब कुछ तुम्हारे द्वारा भुगतान किया गया था और इसलिए वह तुम्हारा घर है। हाँ, हम वेस्सी लोगों को तो ऐसे ही जानते हैं।
अब कम से कम यह बात तो साफ़ हो गई है और दबाव खत्म हुआ, है ना?
डायनेमो ड्रेसेडेन में हाल ही में एक विशाल पोस्टर पर लिखा था "एमपी क्रेट्शमेर तुम वेस्सी सूअर हो" और हजारों लोग न केवल नशे में थे, बल्कि चिल्ला रहे थे और ताली बजा रहे थे। यह तो किसी तरह से मुक्ति की अनुभूति होनी चाहिए......
ऐसी भेदभावपूर्ण बात कहकर तुम सिर्फ पहले से ही बने हुए प्रभाव को मजबूत करते हो और अंततः खुद को कलंकित करते हो।
गेरहार्ड पोल्ट ने एक बार उस "हम" के बारे में कुछ सुंदर कहा था, जो तुम यहाँ लिख रही हो। हम कौन हैं वास्तव में? हम, घर के मालिक, जो विरासत कर नहीं देना चाहते, क्या हम तुम्हारे वेस्सी लोगों को जानते हैं?
"हम अच्छे हैं इसलिए हम तुम्हें बुरे जानते हैं"? अरे बाप रे - यह तो वाकई पुराने ज़माने की बात हो गई......