मैं शुरू में भी फंक्सचुट्ज़ (चिंगारियों की सुरक्षा) को बेकार समझता था। लेकिन उसके बिना आज निश्चित रूप से हमारे पार्केट में कई आग के धब्बे हो चुके होते। चाहे आप कितने भी सावधानी से लकड़ी डालें, कोई न कोई लकड़ी कभी न कभी अलग तरीके से फिसल जाती है, चिंगारियां निकलती हैं और कुछ गिर भी जाता है। इसे पूरी तरह से टालना संभव नहीं है।
इसके बिना सच में काम नहीं चलता!
शुभकामनाएं,
आंद्रेयास
मैं इसे बिल्कुल भी बेकार नहीं समझता, बस बदसूरत लगता है
कि फंक्सचुट्ज़ का कोई मतलब होता है, इसमें कोई शक नहीं है।
हमारे यहाँ मिस्त्री के काम अब पूरा हो चुका है, गालियाँ बन चुकी हैं और बारिश से बचाने वाला अंडरडैच लगा दिया गया है। यहाँ तक कि पहला परीक्षण छत की टाइल भी पहले ही रखी गई है।