फिर एक छोटा मील का पत्थर। हमारी अंदर की सीढ़ी अब आखिरकार आ गई है। जब तक हमने फैसला नहीं किया था, तब तक यह एक कठिन प्रक्रिया थी।
मेरे स्पॉट लाइट्स ने भी मुझे अनिद्रा की रातें दीं, क्योंकि मुझे इन्हें बिना सीढ़ी के नापना, ड्रिल करना और प्लास्टर करना पड़ा। मैंने योजना में अलग-अलग स्थानों की गणना की और बार-बार मीटर की अच्छी शुरुआत से मापा। निष्कर्ष: यह प्रयास सार्थक था।