हालांकि मैं सैद्धांतिक रूप से जानता हूं कि ऐसा नहीं है, मेरे लिए एक गैस टैंक भी हमेशा एक सोते हुए ज्वालामुखी की तरह होता है।
इंसान......पर्यटक इस वजह से बहुत पैसा देते हैं, ताकि वे एक ज्वालामुखी देख सकें......
शुरुआत में मेरी भी कुछ ऐसा ही हाल था, क्योंकि मैं इसे बाडेन-वुर्टेमबर्ग से नहीं जानता था। अब यह मेरे लिए सामान्य हो गया है और मुझे इसका एहसास भी नहीं होता। हालांकि यहाँ घर में ज्यादा औपचारिक नहीं बल्कि साधारण तरीके से फर्श हीटिंग गैस से लगाई गई है, फिर भी यह एक चीज़ करती है। यह बिना किसी परेशानी के चलती है (टोइटोइटोइ), जैसे कि इसे करना चाहिए, और बाथरूम में भी बिना टॉवल हीटर के गर्माहट देती है, और जो कुछ मैंने यहां कभी-कभी एयर-टू-वॉटर हीट पंप के बारे में पढ़ा है, वह तो पहले ही एक उपलब्धि है।