कहिए तो, बैंक की केएफडब्ल्यू से होने वाली आमदनी से मुझे क्या लेना देना? माफ़ करें, लेकिन मेरे लिए ये कोई सीमा नहीं हैं, मेरे लिए ये बेकार, अनुपयोगी जानकारी है। इसका पेशेवर दक्षता से कोई लेना-देना नहीं है और मार्जिन हो या न हो, ब्याज दर तो वही रहती है और मुझे केवल यह जानना होता है कि मेरी इस हिस्से के लिए मेहनत का भुगतान कितनी होगी।
उपभोक्ता को केएफडब्ल्यू ऋण की बैंक की आमदनी के संबंध में न तो कोई नुकसान होता है और न कोई लाभ, क्योंकि केएफडब्ल्यू की शर्तें हमेशा समान होती हैं। मुझे तो परिणाम में रूचि है, जिसे मैं उपभोक्ता के साथ मिलकर बनाता हूँ और इस परिणाम पर केएफडब्ल्यू ऋण की बैंक की आमदनी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
मुख्य बैंक की गिरवी शर्तों के मामले में बात अलग है, वहां मैं जरूर जानना चाहता हूँ, क्योंकि उसी के आधार पर वह शर्त बनती है जो मैं ग्राहक को पेश करता हूँ।
81% और अधीनस्थ के बारे में मैं समझ नहीं पाया। पहली बात तो यह है कि 81% के बाद कुछ नहीं होता और दूसरी बात, 81% के बाद कुछ भी आवश्यक नहीं होता, अगर "single out" का उपयोग करना हो। क्योंकि केएफडब्ल्यू का आखिरी पैसा अधिकतम 80% होता है।