Bauexperte
08/02/2016 12:31:50
- #1
नमस्ते,
इसमें कुछ भी "बताने" जैसा नहीं था, और मेरा कोई ग्राहक "ठगा" नहीं जा रहा है। वैसे, किसी प्रदाता के दाम केवल कच्चे माल की लागत से ही नहीं बनते। वर्णित मामले में सभी कारक मेल खाते हैं; इसलिए मैंने अनुबंध से मना करने की आवश्यकता नहीं देखी।
जॉन रस्किन का "अर्थव्यवस्था का नियम" पर एक बहुत अच्छा कथन है, जो मेरे विचार में बहुत सही है। तुम्हें मेरा सुझाव है कि तुम इस कथन की सार्थकता से अंत में परेशान न हो जाओ।
शुभकामनाएँ,
बाउएक्सपर्ट
मैं आशा करता हूँ कि तुमने अपने ग्राहक को बताया होगा कि उसे यहाँ बहुत बुरी तरह से ठगने की कोशिश की जा रही है?
इसमें कुछ भी "बताने" जैसा नहीं था, और मेरा कोई ग्राहक "ठगा" नहीं जा रहा है। वैसे, किसी प्रदाता के दाम केवल कच्चे माल की लागत से ही नहीं बनते। वर्णित मामले में सभी कारक मेल खाते हैं; इसलिए मैंने अनुबंध से मना करने की आवश्यकता नहीं देखी।
जॉन रस्किन का "अर्थव्यवस्था का नियम" पर एक बहुत अच्छा कथन है, जो मेरे विचार में बहुत सही है। तुम्हें मेरा सुझाव है कि तुम इस कथन की सार्थकता से अंत में परेशान न हो जाओ।
शुभकामनाएँ,
बाउएक्सपर्ट