WilderSueden
23/01/2022 20:14:32
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BA/MA डिग्रियों के परिचय के बाद से स्वयं अपने अध्ययन का वित्तपोषण कर पाना पहले जितना आसान नहीं रहा। उपस्थिति अनिवार्यता, निश्चित परीक्षा अनुक्रम, उच्च परीक्षा आवृत्ति और कड़ी नियत अध्ययन अवधि के कारण नियत अध्ययन अवधि से आगे बढ़ना लगभग असंभव हो गया है। और सभी विश्वविद्यालय शहरों में किराए तेजी से बढ़े हैं।
मुझे हमेशा यह सोचकर हैरानी होती है कि लोग अध्ययन के बारे में उस समय की कैसी तस्वीर बनाते हैं जब यह पहले होता था। कभी व्याख्यान में नहीं जाना, परीक्षा कम और 5 सेमेस्टर विलंबित करना...क्या वास्तव में यह इतना अच्छा था? ऐसे लोग जो 7 साल बाद अंततः मैथ 2 में फेल हुए, जहां यह 3 सेमेस्टर में ही हो जाना चाहिए था?
पूरा खर्चा पार्ट-टाइम नौकरी से चलाना अच्छा नहीं है, लेकिन इसे आवश्यक भी नहीं होना चाहिए क्योंकि पालन-पोषण की जिम्मेदारी और बाफेग की व्यवस्था है। महीने में 40 घंटे काम करने से अध्ययन नहीं बिगड़ता, सिवाय इसके कि आप शुरू से ही इसके लिए उपयुक्त नहीं थे। नियम अध्ययन अवधि से अधिक समय लेना हमारे यहां तो सामान्य था, कम से कम बैचलर में। मास्टर में फिर कई लोगों ने टर्बो मोड में एक सेमेस्टर जल्दी पूरा किया, जिससे यह अधिक या कम संतुलित हो गया ;)