DG
26/02/2015 10:21:19
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खैर, यह फिर से एक कानूनी तर्क का प्रश्न होगा। अगर निर्माण पूरी तरह से अनुमत नहीं है, यानी अनुमति योग्यता नहीं है, तो किसी भी आवेदन के अस्वीकृति की आवश्यकता भी नहीं रहती क्योंकि वे आवेदन ही नहीं किए जा सकते थे। इस प्रकार यह (अनुचित) आवेदन को स्वीकार करने से मना करने का एक वैध नकार है। आवेदन की कोई प्रक्रिया ही नहीं होती है।
यह सही नहीं है। मैं जितने चाहे आवेदन कर सकता हूँ चाहे वे कितने भी बेकार क्यों न हों - प्रशासन को आवेदन की प्राप्ति की पुष्टि करनी होती है और सबसे बेतुके आवेदन पर भी समय सीमा के भीतर लिखित और तर्कसंगत निर्णय देना होता है।
यहाँ यह भी ध्यान देने योग्य है कि प्रशासन विकास अधिकार एक तीसरे पक्ष को सौंप सकता है - लेकिन ऐसा करना जरूरी नहीं है। मूलतः विकास की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है, यदि कोई उचित (अच्छा कानूनी विस्तार) तीसरे पक्ष के साथ अनुबंध नहीं होता है, तो प्रशासन/नगर पालिका फिर से विकास के दायित्व में आती है।
यदि कोई प्रशासन "स्वीकृति से इंकार" खेल रहा है, तो यह सोचने की जरूरत है कि प्रशासन का इस पर क्या हित है!? यदि वे तर्कसंगत रूप से आवेदन को अस्वीकृत कर सकते हैं, तो यह कुछ दिनों में हो जाता है। उपयुक्त अनुच्छेदों के साथ मानक पत्र तैयार कर के आवेदनकर्ता को लौटा दिया जाता है। इस तरह प्रशासन का तर्क लिखित रूप में उपलब्ध होता है और इसे चुनौती दी जा सकती है। स्वीकृति का इंकार केवल इस उद्देश्य से होता है कि प्रक्रिया को शुरू न होने दिया जाए। इसका केवल तब ही तर्क होता है जब प्रशासन को संदेह हो कि आवेदन मौलिक रूप से अनुमोदनीय है, लेकिन प्रशासन/नगर पालिका को (वित्तीय) नुकसान होगा।
सादर
डिर्क ग्रैफ