baufibemu
22/04/2013 23:00:26
- #1
नमस्ते,
आम तौर पर ऋण के पूर्ण भुगतान के एक माह बाद चुकौती शुरू होती है।
ब्याज उसी ऋण के भुगतान किए गए हिस्से पर देना होता है।
ऋण का वह हिस्सा जो अभी तक नहीं लिया गया है, वह ब्याज-मुक्त अवधि के दौरान मुफ्त रहता है।
इसलिए पूरी किस्त केवल ऋण के पूर्ण भुगतान के एक माह बाद देय होती है।
इस प्रकार निर्माण अवधि के दौरान दोहरी वित्तीय भार से बचा जा सकता है।
ब्याज-मुक्त अवधि को बढ़ाना भी संभव है, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
सादर।
आम तौर पर ऋण के पूर्ण भुगतान के एक माह बाद चुकौती शुरू होती है।
ब्याज उसी ऋण के भुगतान किए गए हिस्से पर देना होता है।
ऋण का वह हिस्सा जो अभी तक नहीं लिया गया है, वह ब्याज-मुक्त अवधि के दौरान मुफ्त रहता है।
इसलिए पूरी किस्त केवल ऋण के पूर्ण भुगतान के एक माह बाद देय होती है।
इस प्रकार निर्माण अवधि के दौरान दोहरी वित्तीय भार से बचा जा सकता है।
ब्याज-मुक्त अवधि को बढ़ाना भी संभव है, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
सादर।