मेरी दृष्टि से सबसे स्वस्थ बात यह है, जैसा कि पहले ही बताया गया है, यथार्थवादी बने रहना। 2.5 कमरों के फ्लैट से 180 वर्ग मीटर के महल में कम ब्याज दरों पर जाना और फिर उपयुक्त क्रेडिट योग्यता के आधार पर पूरी तरह से बंधक लेना का दौर खत्म हो चुका है। क्या यह दौर फिर वापस आएगा? पता नहीं।
ऐसी बातें जैसे: 15 वर्ग मीटर से कम का बच्चो का कमरा कोई बच्चो का कमरा नहीं होता, वे भी खत्म हो चुकी हैं। वर्षों में हमेशा कुछ फैशन होते रहे हैं, जो बाद में खत्म भी हो गए। अब तो होम ऑफिस काफी लोकप्रिय है, पहले यह लिविंग रूम था जिसमें डलास-फ्रीट्रेप लगी होती थी। सवाल यह है कि क्या हर फैशन को अपनाना जरूरी है।
आजकल रसोई दिखावे के लिए बनी हैं, ऊर्जा संरक्षण तकनीक की बात करें तो फोटovoltaik को छोड़कर भी नहीं। मैं इस बात का ध्यान रखूंगा कि घर ऊर्जा के दृष्टिकोण से कम खर्चीला हो, क्योंकि ऊर्जा सस्ती होने वाली नहीं है। इसे उचित आकार के साथ मिलाकर, हाँ, और छोटी परिवार के लिए मैं सुझाता हूँ कि 120 वर्ग मीटर सही है।
शायद प्लान ऐसे बनाएं यदि जमीन से संभव हो, कि कभी बाद में जोड़-तोड़ या डाक विस्तार किया जा सके, इस तरह कई विकल्प हैं। निश्चित तौर पर स्व-निर्माण की संभावनाएं भी देखें, क्या रोलर घास बिल्कुल जरूरी है, आदि आदि।