chand1986
03/02/2019 13:06:10
- #1
और मैं पहले भी उन देशों में काम कर चुका हूँ (जर्मन सरकार की सेवा में) जहाँ सिर पर प्रहार करना अपेक्षाकृत सहजता से होता था। यह तो आदत का मामला है। लेकिन उन देशों में भरण-पोषण नहीं किया जाता, सिर पर प्रहार करने वालों को कर के रूप में उदारता से राशियाँ नहीं दी जातीं।
क्या तुमने कभी यह सोचा है कि कारण और प्रभाव उल्टे हो सकते हैं?
यानी कि सिर पर प्रहार करने वालों को भरण-पोषण नहीं किया जाता, बल्कि लोगों को इस लिए भरण-पोषण किया जाता है ताकि वे सिर पर प्रहार करने वाले न बनें?
-----
मुझे यह "सब कुछ खुद ही कमाया है" वाली मांग बहुत परेशान करती है, जो कभी-कभी कुछ पोस्ट में दिखती है। सफलता स्व-प्रेरणा का परिणाम है, लेकिन इसके अलावा यह कई अन्य लोगों की उपलब्धियों का उत्पाद भी है। व्यक्ति उन संस्थाओं में शिक्षा प्राप्त करता है, जो सामूहिक रूप से वित्तपोषित होती हैं, और वहाँ भविष्य की सफलता के लिए मूलभूत कौशल सीखे जाते हैं। वह उस अवसंरचना का उपयोग करता है, जिसे सामूहिक रूप से वित्तपोषित किया गया है, सफल होने के लिए। फायर ब्रिगेड, पुलिस, नगर निगम के अस्पताल: ये सभी वे ढांचे हैं जिनमें व्यक्तिगत सफलता संभव होती है।
जो सफल होता है, वह लगातार दूसरों की उपलब्धियों का उपयोग करता है। एक उद्यमी अपने कर्मचारियों की, एक मकानमालिक अपने किरायेदारों की, एक शेयरधारक पूरे व्यवसायों की कामकाजी शक्ति की। और हर कोई सार्वजनिक सुरक्षा एवं सार्वजनिक संपत्ति का उपयोग करता है। (इसी कारण से लाभार्थियों की संख्या योगदानकर्ताओं की संख्या से हमेशा अधिक होती है। और क्या हो सकता है? यह तर्क के अनुसार है)।