born_hard
26/06/2015 09:58:17
- #1
निम्नलिखित प्रारंभिक स्थिति:
कई घटकों (वार्षिक किश्त ऋण, केडब्ल्यूएफ अनुदान और भवन बचत ऋण) से बने एक नए निर्माण की वित्तपोषण के लिए आवेदन किया गया था और इसे मंजूरी भी मिल चुकी है (मुख्य बैंक और स्पार्कासे द्वारा)। हालांकि हमें यह भी सूचित किया गया है कि चर्चा किए गए शर्तों पर वित्तपोषण की मंजूरी केवल लक्षित की गई संपत्ति के लिए मान्य है। चूंकि हमने बैंक को पहले ही जनरल ठेकेदार का निर्माण कार्य विवरण जमा कर दिया है, इसलिए यह कहीं न कहीं घर के कुल पैकेज का हिस्सा भी है।
मेरा प्रश्न:
अब यह हुआ है कि हम जनरल ठेकेदार की बजाय एक अन्य कंपनी के साथ काम करने जा रहे हैं। उस कंपनी (कंपनी 2) का निर्माण कार्य विवरण हमें वास्तव में बैंक को अब सूचित करना चाहिए, सही? यदि हम अब इसे नहीं बताते हैं तो क्या होगा? क्या इससे हमारी समग्र वित्तपोषण का जोखिम होगा? क्या बैंक इससे कोई कठिनाई पैदा कर सकती है? हम अभी जमीन और घर खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले हैं! क्या हमें जनरल ठेकेदार के परिवर्तन को भूमि खरीद के नोटरी नियुक्ति के बाद ही बैंक को बताना चाहिए?
असल में प्रश्न यह है कि क्या जनरल ठेकेदार के परिवर्तन से हमारा वित्तपोषण खतरे में पड़ सकता है।
कई घटकों (वार्षिक किश्त ऋण, केडब्ल्यूएफ अनुदान और भवन बचत ऋण) से बने एक नए निर्माण की वित्तपोषण के लिए आवेदन किया गया था और इसे मंजूरी भी मिल चुकी है (मुख्य बैंक और स्पार्कासे द्वारा)। हालांकि हमें यह भी सूचित किया गया है कि चर्चा किए गए शर्तों पर वित्तपोषण की मंजूरी केवल लक्षित की गई संपत्ति के लिए मान्य है। चूंकि हमने बैंक को पहले ही जनरल ठेकेदार का निर्माण कार्य विवरण जमा कर दिया है, इसलिए यह कहीं न कहीं घर के कुल पैकेज का हिस्सा भी है।
मेरा प्रश्न:
अब यह हुआ है कि हम जनरल ठेकेदार की बजाय एक अन्य कंपनी के साथ काम करने जा रहे हैं। उस कंपनी (कंपनी 2) का निर्माण कार्य विवरण हमें वास्तव में बैंक को अब सूचित करना चाहिए, सही? यदि हम अब इसे नहीं बताते हैं तो क्या होगा? क्या इससे हमारी समग्र वित्तपोषण का जोखिम होगा? क्या बैंक इससे कोई कठिनाई पैदा कर सकती है? हम अभी जमीन और घर खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले हैं! क्या हमें जनरल ठेकेदार के परिवर्तन को भूमि खरीद के नोटरी नियुक्ति के बाद ही बैंक को बताना चाहिए?
असल में प्रश्न यह है कि क्या जनरल ठेकेदार के परिवर्तन से हमारा वित्तपोषण खतरे में पड़ सकता है।