ठीक है, तो Anbieter1 ने निश्चित रूप से अपने प्रस्ताव के बारे में सोचा है।
यहाँ मुख्य रूप से तापीय पुल (Wärmebrücken) महत्वपूर्ण हैं और इन्सुलेशन की मोटाई (Dämmstärken) कम। यहाँ KfW भी लागतों की ओर ध्यान दिलाता है।
क्योंकि सतहों को अत्यधिक इंसुलेट करना अक्सर महंगा होता है और संभावित निर्माण नुकसान को रोकने में मदद नहीं करता।
अंततः दोनों प्रदाताओं को प्रमाणित करना होगा।
यहाँ निर्णायक बात यह है कि तापीय पुल का Zuschlag कैसे प्रमाणित किया जाता है।
इसके लिए KfW तीन प्रक्रियाएँ उपलब्ध कराता है।
सही मायने में, तभी योजनाओं / Leistungsverzeichnis और लागतों की तुलना की जा सकती है।
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ओह हाँ, और यह भी कि किस मानक के अनुसार गणना की गई है, यानी möglichst DIN18599 के अनुसार नए Beiblatt 2 के साथ और पुरानी DIN 4108 के अनुसार नहीं, जिसमें DIN 4701-10 भी शामिल है, जिससे आसानी से "सुंदर गणना" की जा सकती है।