माफ़ कीजिए, evelinoz, लेकिन आप मेरे लिए इतने पक्षपाती हो कि इस स्थिति का निरपेक्ष मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है।
क्योंकि बूढ़े लोग अपनी कुर्सी से उठते नहीं हैं।
लगता है कि उन्होंने अपना पिछवाड़ा उठाया है, क्योंकि अब उनका कूल्हा टूट गया है...,
चलना और दूसरों के लिए बोझ न बनना।
… इसके लिए उन्होंने शायद स्वास्थ्य बीमा में पैसा दिया है कि वे अब दूसरों के लिए बोझ बने हुए हैं? बोझ = देखभाल?
लेकिन मैं मानता हूँ कि वे आप लोगों, यानी आपकी बेटी के लिए "बोझ" मतलब परेशान करने वाली चीज़ लगती हैं, क्योंकि उन्होंने अपना घर बेच दिया है और अच्छी तरह से व्यवस्थित नहीं हैं?!
मैं समझ सकता हूँ कि वे नाराज़ हैं कि उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है, लेकिन उस महिला को बेवकूफ कह देना पूर्णतया बकवास है। पैसा हमेशा वहां सत्ता नहीं करता जहां लोग उसे लहरााते हैं।
हाँ और मेरी बेटी परिवार सहित मध्य जून से लगभग सड़क पर रह रही है,
अरे... शायद उन्होंने कुछ गलत किया है। पैसा तो शायद कारण नहीं होगा?!
महिला एक जर्जर मकान में रहती है, जहां हर जगह कुत्ते की पेशाब की बदबू है, ऊपर के मंजिल का बॉयलर नीचे के मंजिल में टपकता है आदि। यह मकान 100 साल पुराना है, जमीन 4000 वर्ग मीटर है।
... उन्हें स्थिति से सकारात्मक पहलू निकालना चाहिए कि उन्हें टूटे हुए मकान के लिए करोड़ों रुपए खर्च नहीं करने पड़ रहे हैं।