schubert79
27/07/2022 17:33:49
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लॉजिकली वे स्पष्ट हैं। मुझे संदेह है कि दादा के मृत्यु के समय दर्ज किया गया था और फिर किसी ने कभी देखभाल नहीं की। अब दादी का निधन हो गया है और वसीयत के अनुसार केवल दोनों बेटे वसीयत के अनुसार वारिस हैं। यह तब दादी के उस हिस्से के साथ किया जाएगा जो अभी भी उनका था। लेकिन जो तीसरा बेटा जमीन के खसरे में दर्ज है, वह अपने समय में प्राप्त हिस्से के साथ ही रहेगा।