chand1986
03/08/2018 12:50:13
- #1
मैं सहमत हूँ कि बैंकों की भी जिम्मेदारी होती है।
लेकिन ऐसे कितने आधे पके लोग होते हैं जो इस तरह के ऋण लेते हैं? क्या जब किसी के मन में घर का ख्याल आता है तो सब कुछ बंद हो जाता है?
एक परिवारिक घर बेहतर इंसान नहीं बनाता।
खुद के रहने के लिए मकान सामान्यत: कोई मूल्यवान निवेश नहीं होता, 100% वित्तपोषित तो बिल्कुल नहीं।
यह पता लगाने के लिए की क्या संभव है और क्या नहीं, गणित कोई रॉकेट विज्ञान नहीं है।
फिर भी कई लोग इतना दिखावा क्यों करते हैं? क्या घर ही उनकी जिंदगी में एकमात्र मील का पत्थर है?
लोगों को पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया जाना चाहिए। अगर घर महंगा है, तो घर नहीं। जिंदगी फिर भी जीने लायक जारी रहती है।
लेकिन ऐसे कितने आधे पके लोग होते हैं जो इस तरह के ऋण लेते हैं? क्या जब किसी के मन में घर का ख्याल आता है तो सब कुछ बंद हो जाता है?
एक परिवारिक घर बेहतर इंसान नहीं बनाता।
खुद के रहने के लिए मकान सामान्यत: कोई मूल्यवान निवेश नहीं होता, 100% वित्तपोषित तो बिल्कुल नहीं।
यह पता लगाने के लिए की क्या संभव है और क्या नहीं, गणित कोई रॉकेट विज्ञान नहीं है।
फिर भी कई लोग इतना दिखावा क्यों करते हैं? क्या घर ही उनकी जिंदगी में एकमात्र मील का पत्थर है?
लोगों को पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया जाना चाहिए। अगर घर महंगा है, तो घर नहीं। जिंदगी फिर भी जीने लायक जारी रहती है।