तो कुछ लोग यहाँ नौकरी करते हैं और उनके पास इसके लिए समय नहीं है, इस बात पर मैं हँस पड़ा...
साथ ही मैं स्व-सेवाओं पर बहुत आसानी से मोलभाव कर सकता हूँ।
हम, जब मैंने यह पढ़ा तो मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ कि एक पोस्ट में इतना ज्यादा बादाम का पेस्ट कैसे आ सकता है।
तुम अभी काफी युवा हो,
मैं नहीं सोचता कि 29 साल इतना छोटा है कि कोई अपने खुद के चश्मे के बाहर नहीं देख सके और सब कुछ जो उसके अपने विश्वदृष्टिकोण या उसकी छोटी मेज पर फिट नहीं होता, उसे नीचा दिखाए या सवाल उठाए।
कितनी बेकार पोस्टें। तुम सब मेरे निर्माण परियोजना के बारे में कुछ भी नहीं जानते और ऐसी पोस्टें लिखते हो।
तुम सब सर्वज्ञानी हो और तुम्हारे साथ सब कुछ ज़रूर ठीक चलता होगा...
खैर... यह वास्तव में वही है जो दूसरे तुम्हें तुम्हारे सभी सामान्यीकरणों के बाद लिख सकते हैं...!
मैंने पहली पोस्ट में सिर्फ अपने अनुभव बताए थे
नहीं, तुमने कोई अनुभव नहीं बताया, तुमने चीज़ों को नीचा दिखाया और खुद को और अपनी प्रक्रिया को दुनिया का केंद्र दिखाया। जब कोई पढ़ता है तो स्वाभाविक रूप से आत्म-अधिमान के विचार आते हैं।
तुमने या तुम क्यों खुद कंकाल निर्माण नहीं कर रहे हो?
क्या मैंने कहीं नहीं पढ़ा था
लेकिन अगर चाहो तो कर सकते हो।
? तब तुम और भी अधिक बचत कर सकते थे।
शुभकामनाएँ!