niri09
07/05/2018 10:33:52
- #1
यह सब तो ठीक और अच्छा है लेकिन कृपया यह मत भूलिए कि आजकल किसी के पास इतने बड़े 1500 वर्ग मीटर की जमीन तो होती ही नहीं, और कभी-कभी तो 500 वर्ग मीटर भी नहीं होती।
यह बिलकुल सही नहीं है! बच्चों के लिए बहुत सारे शिक्षण कृषि फार्म, किताबें आदि हैं। यदि कोई बच्चा यह नहीं जानता, तो यह उसके माता-पिता की गलती है न कि बगीचे में टमाटर ना होने की वजह से।
और फिटनेस स्टूडियो और घास कटाने की मशीन? क्यों नहीं? आजकल लोग वाशिंग मशीन का भी इस्तेमाल करते हैं, हाथ से कपड़े धोने के लिए नहीं ताकि कपड़ों के साथ बेहतर संबंध बन सके। यह ही विकास है। मुझे भी नहीं लगता कि जब कोई बगीचे में आलू या अन्य चीजें उगाता है तो उसे अजीब नजरों से देखा जाता है, यहाँ थोड़ा "अधिक dramatize" किया गया है। जीने दो और जीने दो।
और इसके लिए जरूरी नहीं कि हमेशा सुपरमार्केट से जैविक उत्पाद ही लें, बल्कि बगीचे में अपने खुद के गमले में उगाई हुई टमाटर या अपने खेत से तरकारी भी हो सकती है। बच्चों के लिए भी यह बहुत सुंदर अनुभव होता है और इस से उन्हें यह जानने को मिलता है कि फल कैसे उत्पन्न होता है। इसके बजाय बच्चों के लिए सैकड़ों खेल उपकरण बगीचे में रख दिए जाते हैं। आदमी फिटनेस सेंटर में जाकर खुद घास काटने के बजाय वर्कआउट करता है आदि।
यह बिलकुल सही नहीं है! बच्चों के लिए बहुत सारे शिक्षण कृषि फार्म, किताबें आदि हैं। यदि कोई बच्चा यह नहीं जानता, तो यह उसके माता-पिता की गलती है न कि बगीचे में टमाटर ना होने की वजह से।
और फिटनेस स्टूडियो और घास कटाने की मशीन? क्यों नहीं? आजकल लोग वाशिंग मशीन का भी इस्तेमाल करते हैं, हाथ से कपड़े धोने के लिए नहीं ताकि कपड़ों के साथ बेहतर संबंध बन सके। यह ही विकास है। मुझे भी नहीं लगता कि जब कोई बगीचे में आलू या अन्य चीजें उगाता है तो उसे अजीब नजरों से देखा जाता है, यहाँ थोड़ा "अधिक dramatize" किया गया है। जीने दो और जीने दो।