pagoni2020
24/11/2021 08:20:59
- #1
शायद आप अपनी पहले-इसके बाद की विकल्पों को साथ में रख सकते हैं, ताकि यहाँ हर कोई अपनी राय दे सके (अगर आप चाहें)।
मुझे लगता है, अगर आप एक बार पूरी तरह से बाहरी स्वरूप से अलग होकर खिड़कियों को बिल्कुल वैसे ही ड्रॉ करें जैसे वे अन्दर से आपके लिए परफेक्ट होंगी। तब आपको निश्चित रूप से एक बदसूरत घर नहीं मिलेगा। आप कमरों को एक-एक करके देखें, कि आप कहाँ से और कैसे देखना चाहते हैं.....हमने इसे अंतहीन रूप से आजमाया है, कुर्सी रखी, लेटने की जगह आदि, जबकि हम मूल रूप से इस सोच के हैं कि हम खिड़कियाँ जितनी बड़ी हो सकें उतनी बड़ी चाहिए। अब हमारे पास ऐसा ही है और हमें इसका आनंद है।
अंदर से देखने की समस्या को हम सैटिनेड फ़िल्म या ऐसी किसी और चीज़ से ठीक कर सकते हैं, अगर बाहर देखने के लिए खिड़कियाँ बहुत छोटी हों या परदे की ऊँचाई कम हो तो कोई फ़िल्म काम नहीं आती। और...थोड़ा सा संशय हमेशा रहेगा, इसलिए तो हम जीवन में कई घर बनाते हैं :D
मुझे लगता है, अगर आप एक बार पूरी तरह से बाहरी स्वरूप से अलग होकर खिड़कियों को बिल्कुल वैसे ही ड्रॉ करें जैसे वे अन्दर से आपके लिए परफेक्ट होंगी। तब आपको निश्चित रूप से एक बदसूरत घर नहीं मिलेगा। आप कमरों को एक-एक करके देखें, कि आप कहाँ से और कैसे देखना चाहते हैं.....हमने इसे अंतहीन रूप से आजमाया है, कुर्सी रखी, लेटने की जगह आदि, जबकि हम मूल रूप से इस सोच के हैं कि हम खिड़कियाँ जितनी बड़ी हो सकें उतनी बड़ी चाहिए। अब हमारे पास ऐसा ही है और हमें इसका आनंद है।
अंदर से देखने की समस्या को हम सैटिनेड फ़िल्म या ऐसी किसी और चीज़ से ठीक कर सकते हैं, अगर बाहर देखने के लिए खिड़कियाँ बहुत छोटी हों या परदे की ऊँचाई कम हो तो कोई फ़िल्म काम नहीं आती। और...थोड़ा सा संशय हमेशा रहेगा, इसलिए तो हम जीवन में कई घर बनाते हैं :D