apokolok
26/09/2019 12:11:07
- #1
खैर, किराए पर देने में जो सोच की गलती होती है वह यह है कि एक एकल परिवार का घर अपनी ठंडी किराया से 'खुद ही चल जाता है'।
आमतौर पर ऐसा नहीं होता।
शायद इससे किस्त तो पूरी हो जाती है, लेकिन तब भी बचत, किराए से होने वाले कर आदि की कमी रह जाती है।
एकल परिवार के घर आमतौर पर विशेष रूप से लाभदायक किराये की संपत्ति नहीं होते।
कर सकते हैं, हो भी सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि हो। इसलिए इसे फिर से अच्छी तरह से गणना करें और सोचें।
यह भी महत्वपूर्ण है कि क्या आप किराए पर दी गई संपत्ति के नजदीक रहते हैं और क्या आप छोटी मरम्मत आदि खुद कर सकते हैं। अगर नहीं और हर छोटी-छोटी चीज के लिए आपको एक प्रबंधक और कारीगर की जरूरत पड़ेगी तो यह निश्चित रूप से घाटे का सौदा बनेगा।
आमतौर पर ऐसा नहीं होता।
शायद इससे किस्त तो पूरी हो जाती है, लेकिन तब भी बचत, किराए से होने वाले कर आदि की कमी रह जाती है।
एकल परिवार के घर आमतौर पर विशेष रूप से लाभदायक किराये की संपत्ति नहीं होते।
कर सकते हैं, हो भी सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि हो। इसलिए इसे फिर से अच्छी तरह से गणना करें और सोचें।
यह भी महत्वपूर्ण है कि क्या आप किराए पर दी गई संपत्ति के नजदीक रहते हैं और क्या आप छोटी मरम्मत आदि खुद कर सकते हैं। अगर नहीं और हर छोटी-छोटी चीज के लिए आपको एक प्रबंधक और कारीगर की जरूरत पड़ेगी तो यह निश्चित रूप से घाटे का सौदा बनेगा।