Pinky0301
26/10/2020 15:28:07
- #1
क्या यह नहीं है कि शहर बस खरीद-विक्री समझौते में शामिल हो जाता है? यानी खरीदार और विक्रेता नोटरी के सामने अनुबंधित होते हैं। फिर शहर यह तय करता है कि क्या वह उस कीमत पर खरीदेगा, जो खरीद-विक्री समझौते में तय की गई है। इसलिए न तो विक्रेता के लिए कम पैसे मिलने चाहिए और न ही खरीदार के लिए ज्यादा खर्च होना चाहिए। खरीदार को तो उम्मीद है कि शहर के नोटरी शुल्क नहीं चुकाने होंगे।
विपरीत में विक्रेता को क्या है, मैं समझ नहीं पा रहा हूँ। शायद यह कि उन्हें नहीं पता कि पूरी प्रक्रिया कैसे होती है?
विपरीत में विक्रेता को क्या है, मैं समझ नहीं पा रहा हूँ। शायद यह कि उन्हें नहीं पता कि पूरी प्रक्रिया कैसे होती है?