Scout
19/12/2019 11:42:10
- #1
तो मैं 2009 में भी किसी अवसाद को याद नहीं करता।
ठीक है, सार्वजनिक सेवा में तो निश्चित ही नहीं! इंडस्ट्री के लोगों से या उन लोगों से पूछो जो उस समय फ्रीलांसर थे। वे तुम्हें कुछ जरूर कह सकते हैं....
सार्वजनिक सेवा अक्सर (हमेशा नहीं) एक हवा के महल में जीने जैसी होती है, जो जीवन की कठिनाइयों से घिरी होती है।