मुझे यह समझ नहीं आता। क्यों कोई अपनी माँ के साथ, जिसकी वित्तीय स्थिति पूरी तरह अलग है, एक साथ एक घर खरीदना चाहता है और अपनी पत्नी का नाम फ़ोरम में नहीं लेता। यह पूरी बात बेवकूफी लगती है। माँ को बस अपने अच्छे आय के साथ एक दो परिवारों के लिए घर खरीदना चाहिए, आप तब पहले वहाँ एक अपार्टमेंट किराए पर ले सकते हैं। अगर महिलाएं पाँच साल बाद भी मिल जुल कर रह पाईं, तो आप वह अपार्टमेंट खरीद सकते हैं। मैं कभी भी अपने माता-पिता के साथ मिलकर संपत्ति योजना नहीं बनाऊंगा, जब खुद का परिवार हो।