सिर्फ़ बीमार मानसिकता
नहीं, यह केवल एक सवाल है कि कौन कौन सा जोखिम उठाता है। और खासकर यह अभिव्यक्ति का मामला है। इसे अपनी पूंजी के रूप में नहीं माना जाता है, बल्कि इसे दूसरे ऋणदाता के बाहरी संसाधन के रूप में देखा जाता है।
चाहे प्रोत्साहन बैंक मूल बंधक दर्ज करे या वित्तपोषण बैंक करे और फिर आंतरिक रूप से विभाजित करे, इसका कोई महत्व नहीं है। यह केवल बैंक की पूर्व-गणना और शर्तों के निर्माण पर निर्भर करता है।