Rumpelkopf
13/06/2018 22:26:20
- #1
खैर, मूल रूप से बाऊसपार अनुबंधों को विभाजित किया जा सकता है और इससे एक आवंटन पात्रता हो सकती है।
जितना अधिक बाहरी पूंजी वित्तपोषण में लगाई जाती है (इसमें वास्तविक स्व-पूंजी और बाहरी वित्तपोषित स्व-पूंजी दोनों शामिल हैं), उतना ही कम बंधक अनुपात होता है, जैसा कि यहाँ पहले से ही किसी ने बिल्कुल सही बताया है, और जितना कम यह होगा, उतनी बेहतर शर्तें बैंक आपको दे सकती है।
हालांकि बाऊसपार ऋण पर थोड़ा अधिक ब्याज दर हो सकती है, लेकिन एक बड़े ऋण (जिस पर बेहतर ब्याज दर होती है) के मद्देनजर मिश्रित ब्याज दर कम हो सकती है। मैं आपकी जगह आपकी बैंक से इसे व्यक्तिगत रूप से गणना करवाता।
कभी-कभी मौजूदा बाऊसपार अनुबंध असली खजाने हो सकते हैं, यदि उन्हें समग्र योजना में समझदारी से शामिल किया जाए।
जितना अधिक बाहरी पूंजी वित्तपोषण में लगाई जाती है (इसमें वास्तविक स्व-पूंजी और बाहरी वित्तपोषित स्व-पूंजी दोनों शामिल हैं), उतना ही कम बंधक अनुपात होता है, जैसा कि यहाँ पहले से ही किसी ने बिल्कुल सही बताया है, और जितना कम यह होगा, उतनी बेहतर शर्तें बैंक आपको दे सकती है।
हालांकि बाऊसपार ऋण पर थोड़ा अधिक ब्याज दर हो सकती है, लेकिन एक बड़े ऋण (जिस पर बेहतर ब्याज दर होती है) के मद्देनजर मिश्रित ब्याज दर कम हो सकती है। मैं आपकी जगह आपकी बैंक से इसे व्यक्तिगत रूप से गणना करवाता।
कभी-कभी मौजूदा बाऊसपार अनुबंध असली खजाने हो सकते हैं, यदि उन्हें समग्र योजना में समझदारी से शामिल किया जाए।