मैं भी बिल्कुल ऐसा ही करता हूँ। हमेशा पैसे की चिंता न करनी एक बेहतर जीवन अनुभव है। जाहिर है कि सबसे पहले ऐसी स्थिति में होना जरूरी है जहाँ पर्याप्त बचत हो।
अगर आय और व्यय को मानसिक रूप से अलग किया जाए तो खास बचत के बिना भी काम चल सकता है।
कई लोग मासिक बजट के साथ बेहतर तरीके से निपटते हैं, जो बिल्कुल सही है।
सच कहूँ तो मेरे पास भी "अन्य" खर्चों को निरंतर समझने योग्य रूप में दर्ज करने का समय और मनोबल नहीं है।