नमस्ते,
क्या इस कागज की अदालत में कोई वैधता है?
यहाँ पढ़िए:
OLG –
काली मजदूरी: बिना
Rसीद = बिना
Hक
कभी-कभी कारीगर सेवाओं के लिए देय बिल की राशि को टैक्स से बचने के लिए छुपाने की कोशिश की जाती है। इसके द्वारा मिलने वाला छोटा बिल लाभ अक्सर संभावित हानि के अनुपात में नहीं होता।
वादी ने अपनी संपत्ति की प्रवेश सड़क को नया पटिला लगवाना चाहा। यह संभवतः सस्ता होना चाहिए था। वह स्वयं आवश्यक सामग्री सस्ते में प्राप्त करना चाहता था। प्रतिवादी को यह काम देने का आदेश मिला, जो 170 वर्ग मीटर की प्रवेश सड़क पर आवश्यक कार्य करेगा। मूल्य समझौता: "1,800 यूरो बिना बिल के"। जैसे ही काम पूरा हुआ, पटाई में गंभीर असमानताएँ उत्पन्न हुईं। प्रतिवादी का सुधार प्रयास विफल रहा। बुलाए गए विशेषज्ञ ने एक मूलभूत दोष पाया: पटिला के नीचे रेत की परत बहुत मोटी बनाई गई थी। दोष को दूर करने के लिए सब कुछ फिर से खोदना पड़ा। खर्च: 6,000 यूरो से अधिक। यह राशि वादी ने प्रतिवादी के खिलाफ व्यय की वसूली के रूप में मांगी।
स्पष्ट [B]Nुकसान का मामला[/B]
सामान्य कार्य अनुबंध कानून के अनुसार स्थिति स्पष्ट होती: प्रतिवादी ने खराब काम किया, उसका सुधार प्रयास § 635 निर्माण विधि के अनुसार विफल रहा। वैध मूल अनुबंध होने पर व्यय वसूली के दावे के लिए मार्ग खुला होता।
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काली मजदूरी समझौता समग्र अनुबंध की [B]अमान्यता तक ले जाता है[/B]
जैसे निचली अदालत ने किया, OLG ने भी हर्जाने के दावे को खारिज कर दिया। सेनेट ने पाया कि अनुबंधिक सहमति कानूनी प्रतिबंध का उल्लंघन करती है। § 1 अनुच्छेद 2 काली मजदूरी कानून के अनुसार बिल-मुक्ति की सहमति निषिद्ध है। सेनेट के अनुसार ऐसी सहमति अवैध तरीके से टैक्स बचाने और कम मजदूरी पाने के लक्ष्य से होती है। § 1 अनुच्छेद 2 काली मजदूरी कानून का उल्लंघन § 134 निर्माण विधि के अनुसार इस सहमति को अमान्य बनाता है। चूंकि यह कार्य अनुबंध का एक मुख्य हिस्सा है, इसलिए कुल अनुबंध की अमान्यता अनिवार्य है।
काली मजदूरी को जोखिमयुक्त ही रहना चाहिए
OLG सेनेट ने स्पष्ट किया कि अनुबंध की गारंटी संबंधी दावे "विश्वास और विश्वास" के आधार पर §242 निर्माण विधि से नहीं निकाले जा सकते। इससे § 1 काली मजदूरी कानून की परिहार होती। काली मजदूरी समझौते के साथ एक अपराध, अर्थात् टैक्स चोरी, की तैयारी की गई थी। इस तरह की प्रक्रिया को किसी भी सरकारी सुरक्षा का अधिकार नहीं है। इसलिए व्यापारी को अनुबंध की अमान्यता पर अपनी दलील देने से मना नहीं किया जा सकता। नतीजतन, काली मजदूरी समझौते के साथ यह जोखिम जुड़ा रहता है कि आधारभूत व्यापार से कोई अधिकार नहीं मिलेंगे। जो कोई स्वयं ही कानूनी व्यवस्था से बाहर रहता है, वह कानूनी सहायता की उम्मीद नहीं कर सकता। अन्यथा कानूनी व्यवस्था अवैध कार्रवाई की रक्षा करेगी, जो काली मजदूरी को रोकने के नियमों के उद्देश्य के विपरीत होगा। इस प्रकार, वादी को कोई लाभ नहीं मिला।
(श्लेसविग-होलस्टिन OLG, निर्णय दिनांक 21.12.2012, 1 U 105/11)
स्रोत: मेरी वेबसाइट
सादर, Bauexperte