रेतीले मिट्टी के लिए भी उपयुक्त पौधे होते हैं। हमारे पास एमवी ब्रांडेनबर्ग के पास एक जमीन है, जो रेत वाली मिट्टी है। वहाँ हमारे पास कई गुलाब, विभिन्न झाड़ियाँ और बड़े पेड़ हैं और वे सभी बिना इंसानों के भी जीवित रहते हैं, क्योंकि यदि पानी दिया भी जाता है तो केवल तब जब परिवार का कोई सदस्य वहाँ होता है। लेकिन ज्यादातर समय वहाँ कोई नहीं रहता। केवल कुछ बारहमासी पौधे जीवित नहीं रह पाए, लेकिन फिर हम दूसरे पौधे लगा लेते हैं। हमने वहाँ बेडों में खाली जगह भरने के लिए जमीन को ढकने वाले पौधे लगाए हैं, क्योंकि अधिकांश बारहमासी पौधे बिना पानी दिए और बिना खरपतवार हटाए लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाए। हालांकि ग्लैडियोलस और सजावटी लहसुन आदि वहाँ वर्षों से बिना ज्यादा देखभाल के जीवित हैं। इसमें बड़े पेड़ों का भी योगदान है, जो कुछ घंटों के लिए छाया प्रदान करते हैं। ये सब बातें इसमें शामिल होती हैं। आंशिक छाया का प्रबंध करें, सही पौधे चुनें, पतझड़ में लगाएं न कि वसंत में। जो जीवित नहीं रहता वह बगीचे के लिए उपयुक्त नहीं है और उसे किसी उपयुक्त पौधे से बदलना चाहिए। किसी भी बगीचे को रोजाना पानी देने की आवश्यकता नहीं होती और नए पौधों को भी हर तीन दिन में पानी नहीं देना पड़ता। यदि मल्चिंग की जाए तो कोई सब्ज़ी भी नहीं मरेगी। वर्षा जल को संग्रहित करें। इस तरह आप एक अत्यधिक मात्रा में पानी बचाते हैं, अधिक समय और शांति पाते हैं, कम पैसे खर्च करते हैं और पर्यावरण की रक्षा करते हैं।