rupapu
29/06/2015 13:03:44
- #1
संक्षेप में समझाया गया।
12 महीनों की सकल आय जोड़ी जाती है। फिर कर घोषणा वर्ग (जिसे छह महीनों में सबसे अधिक था) के आधार पर निवल वेतन निकाला जाता है और 12 से विभाजित किया जाता है। इससे प्राप्त परिणाम मासिक पालन-पोषण भत्ता होता है।
संभावना है कि उदाहरण के लिए, जिन महीनों में माता मातृ अवकाश पर थी, उन्हें बाहर रखा जा सकता है। तब ये 12 महीने उसी अनुसार स्थानांतरित हो जाते हैं।
यदि 12 महीनों में 2 कर घोषणा वर्ग समान समय के लिए हैं (यानी समान रूप से 6-6 महीने), तो अंत में जो कर घोषणा वर्ग था वही गिना जाता है।
पिता के लिए भी जन्म से पहले के 12 महीने गणे जाते हैं, न कि पालन-पोषण अवकाश से पहले (ऐसा जानकारी के लिए)।
12 महीनों की सकल आय जोड़ी जाती है। फिर कर घोषणा वर्ग (जिसे छह महीनों में सबसे अधिक था) के आधार पर निवल वेतन निकाला जाता है और 12 से विभाजित किया जाता है। इससे प्राप्त परिणाम मासिक पालन-पोषण भत्ता होता है।
संभावना है कि उदाहरण के लिए, जिन महीनों में माता मातृ अवकाश पर थी, उन्हें बाहर रखा जा सकता है। तब ये 12 महीने उसी अनुसार स्थानांतरित हो जाते हैं।
यदि 12 महीनों में 2 कर घोषणा वर्ग समान समय के लिए हैं (यानी समान रूप से 6-6 महीने), तो अंत में जो कर घोषणा वर्ग था वही गिना जाता है।
पिता के लिए भी जन्म से पहले के 12 महीने गणे जाते हैं, न कि पालन-पोषण अवकाश से पहले (ऐसा जानकारी के लिए)।