हमारे पास भी एक बंगला है। हमारे निष्कर्ष: हॉल वे ऐसा केंद्र बिंदु बनता है, जिससे आप दिन में कई बार गुजरते हैं। इसलिए इसमें थोड़ा ध्यान दें कि यह यथासंभव आकर्षक बनाया जाए।
फिर बहुत जरूरी बात (क्योंकि मैंने यह अपनी दादी के साथ अनुभव की है): बाथरूम सीधे बेडरूम के पास होना चाहिए। उम्र के साथ मूत्राशय कमजोर हो जाता है और जिसने कभी गर्भवती होकर पूर्ण मूत्राशय में ठोकर मारी हो, वह जानता है कि तब हर कदम मायने रखता है।
डबल गैराज का विषय: मेरे ससुरजी भी अपने मोटरसाइकिल से नहीं जुड़ना चाहते थे क्योंकि उनका मानना था कि वे अभी भी इससे चलाते हैं। लेकिन सच कहें, क्या आपके पिता सच में अभी भी उसे चलाते हैं और यदि हाँ, तो कितनी देर तक? उम्र किसी का इंतजार नहीं करती। इसलिए डबल गैराज की योजना बनाना असल में जगह और पैसे की बर्बादी है। इसके बजाय बेहतर होगा कि एक सिंगल गैराज कार्यशाला के रूप में हो, जिसका गेट बगीचे की ओर खुलता हो। गैराज के पीछे छोटा मिनिकैर्पोर्ट हो, जहां रेस कार को ढका रख सकें। गैराज के सामने एक बड़ा कारपोर्ट हो जहां गाड़ियाँ पार्क की जा सकें।
घर का आकार: एक आयताकार बंगला हमेशा खराब होता है और असहज हॉल का निर्माण करता है। देखो कि क्या आप एल-आकार बना सकते हैं। इससे आपको एक छत वाली वरांडा मिलेगी और कमरे बेहतर ढंग से रखे जा सकेंगे।