haydee
02/04/2019 12:51:06
- #1
इसे बहुत जल्दी भूल जाओ। तुम्हें कभी खुशी मिल सकती है या कभी बदकिस्मती।
तुम्हारे बच्चे किसी समय अपना खुद का जीवन अपने खुद के समस्याओं के साथ जीते हैं। वह कहाँ है, यह अज्ञात है।
इसके साथ ही एक निश्चित सतहीपन भी आता है। दादा जो दूसरे घर में रहता है, जल्दी ही नजरों से दूर और समझ से दूर हो जाता है।
यह सबक मुझे 20 साल भी पूरी नहीं हुए थे तब ही सीखना पड़ा।
रक्त की कोई कीमत नहीं होती।
खुले आँखों से अपने चारों ओर देखो।
बहुत से लोगों के पास 1 बच्चा होता है, चाहे वे 2, 3 या 4 हों।
पोते-पोतियाँ और भी कम।
एक बार सप्ताह में एक बार मुलाकात क्या होती है या रोजाना 10 मिनट की जुराबें परोसने का काम।
क्या तुम सोचते हो कि नर्सिंग होम में केवल वे लोग होते हैं जिनके कोई बच्चे नहीं होते और जो सप्ताह दर सप्ताह मिलने की उम्मीद करते हैं?
तुम्हारे बच्चे किसी समय अपना खुद का जीवन अपने खुद के समस्याओं के साथ जीते हैं। वह कहाँ है, यह अज्ञात है।
इसके साथ ही एक निश्चित सतहीपन भी आता है। दादा जो दूसरे घर में रहता है, जल्दी ही नजरों से दूर और समझ से दूर हो जाता है।
यह सबक मुझे 20 साल भी पूरी नहीं हुए थे तब ही सीखना पड़ा।
रक्त की कोई कीमत नहीं होती।
खुले आँखों से अपने चारों ओर देखो।
बहुत से लोगों के पास 1 बच्चा होता है, चाहे वे 2, 3 या 4 हों।
पोते-पोतियाँ और भी कम।
एक बार सप्ताह में एक बार मुलाकात क्या होती है या रोजाना 10 मिनट की जुराबें परोसने का काम।
क्या तुम सोचते हो कि नर्सिंग होम में केवल वे लोग होते हैं जिनके कोई बच्चे नहीं होते और जो सप्ताह दर सप्ताह मिलने की उम्मीद करते हैं?