यह थ्रेड जून 2013 का है। उस समय ब्याज दरें फिर से बढ़ गई थीं और अभी तक रेपो रेट में किसी भी तरह की कटौती (या अब हाल ही में हुई कटौती) की बात नहीं हो रही थी।
संभावित कारण के रूप में मुझे वित्त सलाहकार ने बताया था कि KfW को उस समय के बाढ़ के नुकसान के वित्तपोषण के लिए भी इस्तेमाल किया गया था और इसलिए उसने दूसरी जगह (घर बनाने वालों के लिए) शर्तें बढ़ा दी थीं। लेकिन यह सिर्फ लोकप्रियता बढ़ाने वाली रणनीति भी हो सकती है।