तो तब हर कोई घूम-फिर के आए पोलीयर के लिए सीमा निर्धारण नहीं कर सकता। एक सर्वेक्षण कार्यालय को सीमा बिंदुओं के निर्देशांक मिलते हैं और उसे उन्हें स्थल पर ज़रूरी नहीं होता। कार्यालय तुम्हारे प्लान (बाहरी सीमा) को कंप्यूटर पर तैयार करता है, निर्देशांक निकालता है और बाहर रस्सी का खंभा लगाता है। कोई इतना पागल नहीं होता कि लकड़ी के खंभे को मापे, तुम्हारे यहाँ भी उन्होंने ऐसा निश्चित ही नहीं किया