हम पहले एक पुराने बड़े प्राकृतिक पत्थर के घर में रहते थे। वहां खलिहान से लेकर खाली पड़े अपार्टमेंट, दीवारों में और फर्श की तख्तियों तक छिपकली बस चुकी थीं, यहाँ तक कि छत तक। एक साल में, इस साल के मध्य में हमने 300 मरी हुई छिपकलियों को गिनना बंद कर दिया। रिकॉर्ड था दिन में 9 मरी हुई छिपकलियां।
हमने चॉकलेट ली, उसे उंगलियों के बीच नरम गेंदों के रूप में बनाया और फिर उसे ज़ोर से जाल के फंदे के खांचे में दबाया। उसे चबाने के लिए छिपकली निश्चित रूप से जाल सक्रिय कर देती है। इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता था कि चॉकलेट पुरानी ईस्टर या क्रिसमस की खाली आकृतियों की हो या चॉकलेट की बार की।
प्लास्टिक के फंदों में हमेशा की तरह चिपकने वाला जहर हमारे यहां लगभग काम नहीं किया। कोई नहीं जानता कि क्या छिपकलियों ने समझा कि जहर पर पहले कोई छिपकली मर चुकी है।