driver55
16/08/2022 16:33:12
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नहीं, बिल्कुल नहीं। वह बैठने की वजह से दफा हो जाने और "अर..." पर पंख महसूस करने की बात कर रहा था। कोई घिसाई या फटे/रंग बेहाल होने की बात नहीं थी। लेकिन ठीक है, अगर वह इसे ऐसे स्वीकार करता/करती था। :(समझ में आता है। कौन जानता है कि तकियों पर क्या कुछ रगड़ा गया है।