Bauexperte
04/12/2013 11:20:06
- #1
श्लेस्विग उच्च न्यायालय ने अब 16.08.2013 के फैसले संख्या 1 U 24/13 में यह निर्णय दिया है कि ऐसी बिना बिल की सहमति और इसके साथ अनुबंध की अमान्यता के तहत ठेकेदार को Auftraggeber से न तो तय की गई भुगतान राशि मिल सकती है, न ही व्यय प्रतिपूर्ति का दावा, न ही पहले से किए गए शिल्पकारात्मक कार्यों के मूल्य की वापसी मिल सकती है, चाहे किसी भी कानूनी आधार पर हो। इस निर्णय में खास बात यह है कि न्यायालय ने यह भी पाया कि यह तब भी लागू होता है जब केवल आंशिक बिना बिल की सहमति हो। मामले में अनुबंध में 13,500.00 € की "आधिकारिक" राशि और 5,000.00 € की बिना बिल के नकद भुगतान की सहमति शामिल थी। ठेकेदार की मजदूरी की मांग को पूरी तरह अस्वीकार कर दिया गया। इस निर्णय के बाद भी न्यायालय ने यह निर्धारित नहीं किया कि Auftraggeber द्वारा पहले की गई भुगतान वापसी का कोई दावा है या नहीं, इसलिए यह प्रश्न फिलहाल खुला छोड़ा गया है। हालांकि न्यायालय के तर्कों को देखते हुए यह संभावना प्रबल लगती है।
स्रोत: Rechtsanwalt Markus Cosler, Fachanwalt für Bau- und Architektenrecht, Lehrbeauftragter für Baurecht an der FH Hannover
स्रोत: Rechtsanwalt Markus Cosler, Fachanwalt für Bau- und Architektenrecht, Lehrbeauftragter für Baurecht an der FH Hannover